"the only way", by deepak sharma Subscribe to rss feed for deepak sharma

"इस जीवन के,अँधियारे
को,
इक दीप जला,पीना होगा,
जख्म मिलें,चाहे जितने,
हर जख्मों को,सीना होगा
गर् मिलने की,ख्वाहिश
हो तो,
सपनों में,जीना होगा,
ख्वाब मेरा,जब भी आये
तो,
पलभर को,रुकना होगा,
इस जीवन के,अँधियारे को,
इक दीप जला, पीना होगा
बिखरी सी कोमल,यादों को,
नगमों में सिमट,रहना
होगा,
वह याद सुहानी,जब आये,
हैं नज़्म इन्हें,सुनना
होगा,
इस जीवन के,अँधियारे को,
इक दीप जला, पीना होगा,
पतझड़ है,बेगाना मौसम,
पत्तो को टूट,बिखरना
होगा,
महक रही हर,बगिया का,
है दर्द उसे,सहना होगा,
जख्म मिलें,चाहे जितने,
हर जख्मों, को सीना
होगा,
इस जीवन के,अँधियारे को,
इक दीप जला,पीना होगा"
Posted: 2018-04-22 13:04:33 UTC

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