सुनो गौर से, by sushil bansal Subscribe to rss feed for sushil bansal

सुनो गौर
से करुण
कहानी
अपनी भारत
माता की.
अब तक
मुझको
सबने लूटा
अपने शासन
कालों में,
अधनंगा सा
खड़ा किया
है मुझको
अब
कंगालों
में.
मैं सोने
की चिड़िया
थी अब
क्यों
चिड़िया
हूँ बतलाओ,
क्यों
लूटा है
सबने
मुझको
मेरा दोष
तो समझाओ.
कोस रही
हूँ अपनी
किस्मत
शायद भूल
हूँ दाता
की,
सुनो गौर
से करुण
कहानी
अपनी भारत
माता की.
Posted: 2013-08-15 15:50:27 UTC

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